यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर का पारिस्थतिकीपरक सिद्धांत Urie Bronfenbrenner’s Ecological Theory
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर का पारिस्थतिकीपरक सिद्धांत (Urie Bronfenbrenner’s Ecological Theory) के अंतर्गत बालक के विकास को प्रभावित करने आस पास के कारको अध्ययन करके निष्कर्ष निकले गये जो निम्न है |
प्रवर्तक = यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर (Urie Bronfenbrenner)
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर का सामान्य परिचय :
यूरी ब्रॉन्फेनब्रेनर एक रूसी मूल निवासक थे | ये अमेरिका के विकासात्मक मनोविज्ञान के मनोचिकित्सक थे जो कि उनके पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जाने जाते है |
जन्म : 29 अप्रैल 1917 (मास्को) रूस
मृत्यु : 25 सितम्बर 2005
शिक्षा : मिशिगन विश्वविद्यालय, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, कॉर्नेल विश्वविद्यालय
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर सामाजिक – संवेगिक विकास का पारिस्थतिकी सिद्धांत
Urie Bronfenbrenner Ecological Theory of Social–Emotional Development
यूरी ब्रॉन्फेनब्रेनर पारिस्थितिकी प्रणालियों के सिद्धांत के लिए जाने जाते है, अमेरिका के हेड स्टार्ट प्रोग्राम के सह-संस्थापक थे |
पारिस्थतिकी जीव विज्ञान की एक शाखा है जिसमे जीव समुदाय का उसके वातावरण के साथ सम्बन्धो का अध्ययन किया जाता है | पारिस्थतिकी को पर्यावरण जैवविज्ञान (Environmental Biology) भी कहा जाता है |
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर एक रुसी मनोवैज्ञानिक थे जिन्होंने पारिस्थतिकीपरक सिद्धांत (Ecological System Theory) दिया |
The Ecological of Human Development नामक पुस्तक के अंतर्गत ही पारिस्थतिकीपरक सिद्धांत (Ecological System Theory) का वर्णन किया गया |
इस सिद्धांत के अंर्तगत बालक के विकास की व्याख्या सामाजिक – संवेगिक रूप में की जाती है , यह सिद्धांत बालक वह वातावरण के बीच सम्बन्धो का अध्ययन किया जाता है | इस सिद्धांत के अनुसार एक बालक या व्यक्ति अपने जीवन में अलग –अलग वातावरण का सामना करता है , जो उसके जीवन को प्रभावित करता है |
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर (Urie Bronfenbrenner) ने अपने सामाजिक – संवेगिक विकास का “पारिस्थतिकी सिद्धांत” (Ecological Theory ) में वातावरण के रूपों की व्याख्या को पांच मंडलों के द्वारा समझाया है
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर के पारिस्थतिकीपरक सिद्धांत के पांच मण्डल
- लघु मण्डल (Micro System): माता –पिता , शिक्षक , दोस्त आदि |
- मध्य मण्डल (Miso System): लघु मण्डल के कारको का आपसी सम्बन्ध |
- बाह्य मण्डल (Exo System): पडोसी , जनसंचार , पारिवारिक मित्र , अभिभावकों के कार्यस्थल आदि |
- वृहत मण्डल (Macro System): मूल्य रीती-रिवाज , परम्परा , धार्मिक शिक्षा आदि |
- घटना मण्डल (Chrono System): जीवन में घटित होने वाली घटना जैसे – माता –पिता का तलाक , आर्थिक हालत का बदलना आदि |
लघु मण्डल (Micro System):
ये सामाजिक परिवेश का सबसे छोटा समूह होता है, जिससे बच्चे से सीधा संपर्क होता है | माइक्रो सिस्टम वह प्रणाली है जो हमारे जीवन में प्रत्यक्ष रूप से आस पास के वातावरण मे है | हमारे परिवार, दोस्तों, सहपाठियों, शिक्षकों, पड़ोसियों और अन्य लोगों को, जिनके साथ हम सीधे संपर्क रखते हैं, जो की हमारे माइक्रो सिस्टम में शामिल हैं। सूक्ष्म प्रणाली ऐसी प्रणाली है जिसमें हमारे पास इन सामाजिक एजेंटों के साथ प्रत्यक्ष सामाजिक संबंध स्थापित करता हैं।
मध्य मण्डल (Miso System):
मध्य मंडल में लघु मंडल के तत्वों (माता –पिता , शिक्षक , दोस्त आदि) के मध्य के संबंधो की अंतक्रिया का क्षेत्र होता है | जैसे यदि बालक को घर में माता-पिता से उपेक्षित व्यवहार मिले और विधालय में शिक्षक से प्रोत्साहित व्यवहार तो उसके मन में उत्पन होने वाली नकारात्मक भावो में कमी होती है, अन्यथा इसके विपरीत क्रिया भी हो सकती है |
बाह्य मण्डल (Exo System):
बाह्य मंडल सामाजिक परिवेश का दायरा होता है , एक बालक का इससे सीधा सम्बन्ध नहीं होता है , लेकिन ये बालक के जीवन को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है , जैसे की अभिभावक के कार्यस्थल (ऑफिस ,फैक्ट्री आदि ) में यदि कोई समस्या या तनावपूर्ण व्यव्हार होता है तो अभिभावक अपने कार्य स्थल का गुस्सा अपने घर पर अपने परिवार के सदस्यों बच्चो आदि पर निकलता है जिससे घर का वातावरण तनावपूर्ण हो जाता है , बालक का जीवन कष्ठपूर्ण हो जाता है और उसके मानसिक और शारीरिक विकास पर प्रभाव पड़ता है |
वृहत मण्डल (Macro System):
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर के द्वारा बताये गये स्तरों में ये सबसे बड़ा स्तर है , इस स्तर में संस्कृति, रीती रिवाज , परम्परा , धार्मिक शिक्षा , गौरव गाथा , कहानिया आदि का योगदान होता है , इसके साथ बालक किस जाति में पैदा हुआ है या लालन पालन हुआ है ये सभी तत्व वृहत मंडल के अंतर्गत आते है |
घटना मण्डल (Chrono System):
यूरी ब्रोनफ़ेनब्रेनर के अनुसार घटना मंडल कोई अलग से स्तर नही है अपितु एक बालक /व्यक्ति के जीवन होने वाली सभी घटनाओ का समावेश है जो उसके जीवनभर में घटित होती है | ये घटनाये पारिवारिक,आर्थिक ,धार्मिक,प्राकृतिक ,दैविक आदि हो सकती है जिससे बालक के जीवन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव डाल सकती है |
I really appreciate your work thanks 🙏
thank you for your valuable comment , your suggestions are always important for us.
Team wayofsky.