January 12, 2025

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जीन प्याजे का नैतिक विकास सिद्धांत

जीन प्याजे के अनुसार बच्चे जो नैतिक निर्णय लेते है , वो निर्णय उनके नैतिक विकास पर निर्भर करते है , नैतिक विकास में एक निश्चित क्रम एवं तार्किक पैटर्न होता है

जीन प्याजे का नैतिक विकास  सिद्धांत

Moral Development Theory of Jean Piaget

प्रवर्तक – जीन प्याजे (Jean Piaget)

जीन प्याजे स्विट्जरलैंड के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक थे , जीन प्याजे ने ही सर्वप्रथम मनोविज्ञान में संज्ञानात्मक पक्ष के बारे में क्रमबद्ध व वैज्ञानिक अध्ययन किया था |

जीन प्याजे ने संज्ञानात्मक विकास के साथ साथ नैतिक विकास का अध्ययन भी किया था , नैतिक विकास का वैज्ञानिक अधययन करते समय जीन प्याजे ने अपनी पुस्तक  “Moral Judgment Of Child “ (मोरल जजमेंट ऑफ़ चाइल्ड) का प्रकाशन किया |

जीन प्याजे के अनुसार बच्चे जो नैतिक निर्णय लेते है , वो निर्णय उनके नैतिक विकास पर निर्भर करते है , नैतिक विकास में एक निश्चित क्रम एवं तार्किक पैटर्न होता है , जो उनके बौधिक विकास से सम्बंधित होता है |

जीन प्याजे ने अपने संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में बताया की बालक का संज्ञानात्मक विकास वातावरण के साथ अंतक्रिया के कारण परिमार्जित व परिवर्तित होता है तथा इसी के साथ ही बालक का नैतिक विकास होता है |

जीन प्याजे ने नैतिक विकास की दो अवस्थाये बताई है |

  1. परायत नैतिकता की अवस्था ( Heteronomous Morality)

आयु अवधि (2-8 वर्ष)

  • जीन प्याजे के अनुसार इस अवस्था में बालक की असमान अंत:क्रिया होती है , क्योकि इस अवस्था में बालक अपनों से बड़ो के साथ अंत क्रिया करता है |
  • नैतिक विकास की इस अवस्था में जो संप्रत्यय विकसित होते है वह दृढ ,अपरिवर्तनशील होते है ,
  • बालको में ये दबाव की नैतिक अवस्था होती है |
  • बालको के द्वारा ये माना जाता है माता पिता से जो नियम आते है उसे स्वीकार करना अनिवार्य है |
  1. स्वायत नैतिकता की अवस्था (Autonomous Morality)

आयु अवधि (9 -11 वर्ष)

  • इस अवस्था समान अंत: क्रिया की अवस्था है, क्यों की इस अवस्था में बालक अपने संगी साथियो के साथ अंत: क्रिया करता है |
  • इस अवस्था के साथ बालक सर्वव्यापी न्याय में विश्वाश नही करता है उसका मानना होता है नियमो में परिवर्तन किया जा सकता है |

जीन प्याजे का नैतिक विकास सिद्धांत से सम्बंधित प्रश्न

  • नैतिक विकास सिद्धांत में समान अंत क्रिया की अवस्था है ?

    • स्वायत नैतिकता की अवस्था (9-11 वर्ष )
  • किस अवस्था में बालक अपनों से बड़ो के साथ अंतक्रिया करता है ?

    • परायत नैतिकता की अवस्था (2-8 वर्ष )
  • जीन प्याजे की नैतिक विकास पर लिखित पुस्तक का नाम क्या है ?

    • Moral Judgment Of Child “ (मोरल जजमेंट ऑफ़ चाइल्ड)
  • जीन पियाजे के नैतिक विकास सिद्धांत के अलावा और कौन सा सिद्धांत दिया था ?

जीन प्याजे का नैतिक विकास  सिद्धांत
Moral Development Theory of Jean Piaget
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