इरिक इरिक्सन का मनोसामाजिक विकास सिद्धांत Psychosocial Development Theory of Erik Erikson
मनोसामाजिक विकास सिद्धांत के प्रवर्तक इरिक इरिक्सन थे (नव फ्रायडवादी) |
Books: childhood and society {1950), Identity Youth and Crisis (1968),
अन्य नाम
जीवन विस्तार सिद्धांत (Life –Span Theory)
पहचान की खोज
पहचान का संकंट सिद्धांत( Theory of Identity Crisis )
इरिक इरिक्सन फ्रायड के साथ काम करने वाले वैज्ञानिक थे , इरिक इरिक्सन फ्रायड के विचारो से काफी हद तक सहमत थे , लेकिन एक बात पर सहमत नहीं थे(काम प्रवृति) , इरिक इरिक्सन का मानना था कि बालक के विकास पर काम प्रवृति का नहीं बल्कि सामाजिक अनुभूतियो का प्रभाव पड़ता है | अगर दुसरे शब्दों में कहा जाये तो इरिक इरिक्सन काम प्रवृति के विरुद्ध सिद्धांत दिया जिसके कारण इरिक इरिक्सन को नव फ्रायडवादी कहा गया |
इरिक इरिक्सन ने अपनी पुस्तक childhood and society {1950) के अंर्तगत मनोसामाजिक सिद्धांत की आठ अवस्थाये बताई है, ये अवस्थाये दिध्रुवीय थी , जिसमे सकारात्मक और नकारात्मक दो प्रकार की परिस्थति को दर्शया गया है |
इरिक इरिक्सन के मनोसामाजिक विकास सिद्धांत की अवस्थाये
(Stages of Psychosocial Development Theory)
Sr. No | अवधि | अवस्था का नाम |
1 | 01 – /18 माह (शैशवावस्था) | विश्वास बनाम अविश्वास / आस्था बनाम अनास्था (Trust Vs Mistrust) |
2 | 18 माह – 3 वर्ष (प्री- बाल्यावस्था) | स्वतंत्रता बनाम संदेह / स्वायतता बनाम लज्जा/शक (Autonomy vs Shame and Doubt) |
3 | 3-5 वर्ष (पूर्व -बाल्यावस्था) | आत्मबल बनाम अपराध भाव / पहल बनाम दोष (Initiatives Vs Guilt) |
4 | 5-12 वर्ष (उत्तर बाल्यावस्था) | परिश्रम बनाम हीनता (Industry vs inferiority ) |
5 | 12-18 वर्ष (किशोरावस्था) | पहचान बनाम भूमिका द्वंद / पहचान बनाम संभ्रांति (Identity vs Role confusion ) |
6 | 18-35 वर्ष (पूर्व–व्यस्कावस्था) | घनिष्ठाता बनाम अलगाव (Intimacy vs Isolation) |
7 | 35-55 वर्ष (मध्य- व्यस्कावस्था ) | उत्पादकता बनाम निष्क्रियता / जननात्मकता बनाम स्थिरता (Generativity vs Stagnation ) |
8 | 55 के बाद (उत्तर –व्यस्कावस्था ) | ईमानदारी बनाम निराशा / सम्पूर्णता बनाम निराशा (Integrity vs Despair) |
1. विश्वास बनाम् अविश्वास (Trust vs Mistrust)-
2. स्वतंत्रता बनाम संदेह / स्वायतता बनाम लज्जा/शक (Autonomy vs Shame and Doubt )-
3. पहल बनाम् दोष (Initiative vs Guilt)-
4. परिश्रम बनाम् हीनता/ उद्यमिता बनाम् हीन भावना (Industry vs Inferiority)-
5. अहम् पहचान बनाम भूमिका संभ्रांति : (Identity vs Role confusion )
6. घनिष्ठता बनाम अलगाव- (Intimacy vs Isolation)
7. उत्पादकता बनाम निष्क्रियता / जननात्मकता बनाम स्थिरता (Generativist vs Stagnation)-
8 ईमानदारी बनाम निराशा / सम्पूर्णता बनाम निराशा (Ego Integrity vs Despair)-
मनोसामाजिक विकास सिद्धांत से सम्बंधित महत्वपूर्ण प्रश्न
- मनोसामाजिक विकास सिद्धांत के प्रवर्तक कौन है ?
- इरिक इरिक्सन (Erik Erikson)
- इरिक इरिक्सन (Erik Erikson) के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत का नाम है ?
- मनोसामाजिक विकास सिद्धांत (Psychosocial Development Theory)
- इरिक इरिक्सन (Erik Erikson) द्वारा रचित पुस्तक का नाम है ?
- childhood and society {1950), Identity Youth and Crisis (1968)
- इरिक इरिक्सन के मनोसामाजिक विकास सिद्धांत की कितनी अवस्थाये है ?
- आठ
- एक बालक के विकास के लिए काम प्रवृतियों को नकार कर सामाजिक अनुभूतियो की अनुशंषा किस मनोवैज्ञानिक ने की ?
- इरिक इरिक्सन (Erik Erikson)
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