राजस्थान साहित्य के साहित्यकार और कवि
1. ख्यात :-
इतिहास परक रचना जिसका प्रचलन अकबर के आदेश पर हुआ। प्राचीनतम ख्यात मुहणौत नैणसी री ख्यात मानी जाती है।
दयालदास री ख्यात या बीकानेर की राठौडा री ख्यात – अंतिम ख्यात मानी जाती है।
2. रासौ :-
केवल वीर या श्रंगार प्रधान।
काव्य | कवि |
पृथ्वीराज रासौ | चन्दरबरदईं ( पृथ्वी का पहोबा युद्ध ) |
परमाल रासौ | जगनिक |
विजयपाल रासौ | नल्लसिंह ( करौली के शासक का ) |
बीसलदेव रासौ | नरपति नाल्ह (चौहान शासक विग्रहराज चथुर्त और भोज परमार की पु़त्री रजमति का वर्णन) |
खुमाण रासो | दलपत या दौलत विजय ( मेवाड राजाओ का वर्णन बप्पारावल से राजसिंह ) |
हम्मीर महाकाव्य | नयनचंद्र सुरी |
हमीर रासो | जोधराज |
हमीर हठ सुर्जन चरित्र | चन्द्रशेखर |
हमीरायण | भांडड व्यास |
हमीरोत्सर्ग | बैंकुठनाथ शास्त्री |
हमीर मान मर्दन | जयसिंह |
सगतसिध रासो | गिरधर दास |
शत्रुशाल रासो | डुंगरसी |
छात्रपति रासो | काशी छांगाणी ( मतीरे की राड का वर्णन ) |
कमान खां रासो | जानकवि ( मूलनाम-न्यामत खां फतेहपुर ) |
रामरासो | माधोदास |
बुद्धि रासो | जल्ह |
3.वेलि :-
ऐसी रचना जिसमें किसी शासक या सामंत की उपलिब्धयों के साथ प्रेम भावना का वर्णन होता हैं।
वेलि किसन रूकमणी री – पृथ्वीराज राठौड़
4. वचनिका :-
गध-पद्य मिश्रित-तुकांतर रचना
1 अचलदास खींची री वचनिका – शिवदास गाडण
इसमे गागरोन के शासक अचलदास खींचि व मांडु
के सुल्तान अलपखां या होशंग शाह के बीच य़द्ध
का वर्णन किया।
2 वचनिका रतनसिह राठौड़ महेश दासोत री – लेखक जगा खिड़िया
5. दवावैत :-
ऐसी रचना जिसमें अरबी फारसी की रचना में किसी की प्रशंसा की जाती है।
6. मरसया :-
किसी शासक या सामन्त की मृत्यु पर लिखी जाने वाली शोक परक रचना ।
7. प्रकाश :-
वंश या लोकनायक के जीवन चरित्र का चमत्कारिक वर्णन ।
पाबू प्रकाश – आशिया मोडजी ।
8. विलास :-
किसी शासक या सामंत की उपलब्धियां के साथ आमोद – प्रमोद का भी वर्णन होता है।
बलवंत विलास – सूर्यमल्ल मिश्रण
9. बात :-
कथा परक रचना
वीरमदेव सोनागरा री वात – पद्यमनाभ
10. परची :-
लोक संत के जीवन चरित्र का काव्यमय वर्णन।
रैदास री परची
जाभोजी री परची।
– राजस्थानी भाषा की प्राचीनतम रचना – वज्रसेन सुरी की भरतेश्वर बाहुबली घोर (1168 ई. ) मानी जाती है।
– राजस्थानी भाषा का पहला नाटक – शिवचंद भरतिया का केसर विलास माना जाता है।
– संवतोल्लेखन की प्रथम रचना – शालिभद्र सुरी की भरतेश्वर बाहुबली रास ( 1184 ई. ) मानी जाती है।
– राजस्थानी भाषा का पहला उपन्यास – शिवचंद भरतिया का कनक सुंदर माना जाता है।
– पहली कहानी – शिवचंद भरतिया की विश्रांत प्रवासी (1904 ई.)
– पहला व्याकरण – प.रामकरण आसोपा द्वारा तैयार किया गया।
– पहला शब्दकोश – सीताराम लालस द्वारा तैयार किया गाया।
– राजस्थानी भाषा की आधुनिक काव्य रचना – चन्द्रसिंह बिरकाली बादली है।
– राजस्थानी लोक गीतों का संकलन – प्ररूषोतक लाल मेपारिया द्वारा किया गया।
– राजस्थानी कहावतों का संकलन – मुरलीधर व्यास ने किया।
राजस्थानी भाषा के कुछ कवियों का वर्णन
1. पृथ्वीराज राठौड़ –
बीकोनर के राव कल्याणमल के पुत्र अकबर के द्वारा गागरोन की जागीर दी।
– पीथल उपनाम से कविता करते थे।
-टेस्सीटोरी ने पृथ्वीराज राठौड़ को डिंगल का होरेस कहा
– पृथ्वीराज राठौड़ सम्मान राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर द्वारा दिया जाता है।
– वेलिक्रिसन रूकमणी री- दुरसा आढा ने इसे 5 वॉ वेद और 19 वॉं पुराण कहा ।
2. कविश्यामलदास :-
राजस्थान के राजस्थानी के एकमात्र कवि जिन्हे केसरे हिंद की उपाधि दी गई।
– इन्होने वीर विनोद शीर्षक से उदयपुर रियासत का इतिहास लिखा ।
3. सुर्यमल्ल मिश्रण :-
बूंदी के रामसिंह के दरबारी कवि।
-वीर रसावतार के रूप में जाने जाते है।
– 1857 की क्रांति का आंखां देखा हाल लिखा।
– सुर्यमल्ल मिश्रण पुरस्कार प्रतिवर्ष भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर द्वारा दिया जाता है
– रचनाएं :- वीर सतसई, वंश भास्कर, रामरजांट, बलवंत विलास, सतीरासो।
4. डॉ. लुई पैन्जियो टैस्सीटोरी :-
जन्म इटली के उदिने शहर में।
– बीकानेंर में रहकर राजस्थानी भाषा साहित्य एवं पुरात्तव पर काम किया।
– टैस्सीटोरी के जीवन पर आधारित उपन्यास धोरो रा धोरो, श्रीलाल नथमल जोशी द्वारा लिखा गया।
5. कन्हैया लाल सेठिया :-
जन्म-सुजानगढ़ (चुरू)
– राजस्थानी भाषा में एकमात्र कति जिन्हे पदमश्री दिया गया।
– मरणोपरांत 2012 में राजस्थान रत्न दिया गया ।
– 1976 में नीलटांस के लिए साहित्स अकादमी पुरस्कार दिया गया।
– धरती-धोरा री, पातल र पीथल, रमणिये रा दूहा, मीझंर (लोकगीत), कुणी जमीन रो धणी, सबद-निग्रंथ।
6. विजयदान देथा :-
उपनाम-’’बिज्जी’’
– जन्म बोरूदा (जोधपुर)
– 1947 में बातां री फुलवारी (लोक कथाएं) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया गया।
– 2011 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन किया लेकिन नही मिला।
– 2012 में राजस्थान रत्न दिया गया।
– 2013 में मृत्यु।
रचना :- बाता री फुलबारी (14 भाग), दुविधा (पहेली फिल्म), प्रेरणा फिल्म, उलझन, अलेखू हिटलर तीडोराव, चोर चरणदास (बाल फिल्म)
7. लक्ष्मी कुमारी चुॅडावत :-
उपनाम-रानीजी
जन्म-देवगढ़ (राजसंमद)
– 2012 में राजस्थान रत्न
– 2014 में मृत्यु।
रचना – टाबरा री बाता , टूकारो दो सा, मूमल, मांझल रात बगड़ावत महागाथा, पाबूजी री बात, डूंगजी, जवारजी री बात, कैरे चकबा बात।
राजस्थानी भाषा की कुछ रचनाये और उनके रचनाकार
रचना | रचनाकार |
राव जैतसी री छंद | बीठू सुजा |
पाबूजी रा छंद | बीठू मेहा |
ढोलामारू रा दुहा | कवि कल्लोज |
ढोजामारू री चौपाई | कवि कुशल लाभ |
कान्हड़देव प्रबंध | पद्मनाभ |
वीरमदेव सोनगरा री बात | पद्मनाभ |
किरतार बावनी | दुरसा आढ़ा (अकबर के दरबारी कवि) |
विरूद्व छतहर | दुरसा आढ़ा (महाराणा प्रताप का वर्णन) |
रानी पद्मनी री चौपाई | हेमरत्न सुरी |
गोरा बादल चरित्र | हेमरतन सुरी |
सुजान चरित्र | कवि सूदन (जाढ शासक सुरजमल का वर्णन) |
अमर सार | पं. जीवधर |
सुर सतसई/हाला झाला री कुंडलिया | ईसरदास |
एक बींदणी दो बीदं | श्री लाल नथमज जोशी |
आभै पटकी, धोरो रा धोरी | श्री लाल नथमल जोशी |
मैकती काया मुलकती धरती | अन्ना राम सुदामा |
आंधे ने आख्या | अन्ना राम सुदामा |
पिरोल में कुती बियाई | अन्ना राम सुदामा |
चेतावनी रा चुंगट्या (13 सोरठा) | केशरीसिह बारहठ |
रूठी रानी, प्रतापचरित्र, राजसिंह चरित्र | केशरीसिह बारहठ |
चवरी, किरथा, स्ेनाणी री जागती जोत | मेघराज मुकुज |
जनानी ड्योढ़ी, | किरण शेखावत |
हजार घोड़ो का असबार,टू गौरी किण पीव री,खम्मा अन्नदाता | यादवेंद्र शर्मा चंद्र |
गवाड़ | मधु आचार्य (साहित्य अकादमी पुरस्कार) |
राजस्थान के रणबांकुरे | डॉ. राजेंद्र सिंह राठौड़ (कारगिज के शहीदो का वर्णन) |
nice work
Nice post