March 20, 2025

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प्रत्यय की परिभाषा ,भेद व उदाहरण

प्रत्यय की परिभाषा ,भेद व उदाहरण 

  जो शब्दांश किसी मूलधातु के बाद लगकर शब्द का निमार्ण करते हैं उसे प्रत्यय कहते हैं। भाषा में प्रत्यय का महत्व इसलिए भी है क्योकि उसके प्रयोग से मूल शब्द के अनेक अर्थों को प्राप्त किया जा सकता है। यौगिक शब्द बनाने में प्रत्यय का महत्वपूर्ण स्थान है।

जैसे−      हर्ष   +    इत  = हर्षित

मेल  +    आवट = मिलावट

ले   +    अक  = लेखक

झूल  +    आ   = झूला

हिंदी में प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैं−

1 संस्कृत प्रत्यय

2 हिंदी प्रत्यय− कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय

3 विदेशी प्रत्यय

 संस्कृत प्रत्यय−

    प्रत्यय                    शब्द 

1 इत     –         हर्षित, गर्वित, लज्जित, पल्लवित

2 इक     –         मानसिक, धार्मिक, मार्मिक, पारिश्रिमक

3 र्इय     –         भारतीय, मानवीय, राष्ट्रीय, स्थानीय

4 एय     –         आग्नेय, पाथेय, राधेक, कौंतेय

5 तम     –         अधिकतम, महानतम, वरिष्ठतम, श्रेष्ठतम, श्रेष्ठतम

6 वान्     –         धनवान, बलवान, गुणवान, दयावान

7 मान    –         श्रीमान, शोभायमान, शक्तिमान, बुद्धिमान

8 त्व      –         गुरूत्व, लघुत्व, बंधुत्व, नेतृत्व

9 शाली    –         वैभवशाली, गौरवशाली, प्रभावशाली, शक्तिशाली

10 तर    –         श्रेष्ठतर, उच्चतर, निम्नतर,लघुतर

2 हिंदी प्रत्यय

(अ) कृत् प्रत्यय (ब) तद्धित प्रत्यय

कृत् प्रत्यय –

वे प्रत्यय जो धातु अथवा क्रिया के अंत में लगकर नए शब्दों की रचना करते हैं उन्हें कृत् प्रत्यय कहते हैं। कृत् प्रत्ययों से संज्ञा तथा विशेषण शब्दों की रचना होती है।

    संज्ञा की रचना करने वाले कृत प्रत्यय

  प्रत्यय                     शब्द 

1 न         –         बेलन, बंधन, नंदन, चंदन

2 र्इ         –         बोली, सोची, सुनी, हँसी

3 आ        –         झूला, भूला, खेला, मेला

4 अन       –         भूला, रटन, पठन

5 आहट      –         बडबडाहट, घबराहट, चिल्लाहट

    विशेषण की रचना करने वाले कृत प्रत्यय−

  प्रत्यय                     शब्द 

1 आडी       –        अनाड़ी ,खिलाडी, कबाडी

2 एरा        –         सवेरा ,लुटेरा, बसेरा

3 आऊ       –         लगाऊ ,बिकाऊ, टिकाऊ, दिखाऊ

4 ऊ         –         झाडू, बाजारू, चालू, खाऊ

    कृत् प्रत्यय के भेद−

1 कृत् वाचक

2 कर्म वाचक

3 करण वाचक

4 भाव वाचक

5 क्रिया वाचक

    1 कृत् वाचक−

कर्ता का बोध कराने वाले प्रत्यय कृत् वाचक प्रत्यय कहलाते हैं।

        प्रत्यय                     शब्द 

जैसे− हार     –         पालनहार, चाखनहार, राखनहार

    वाला    –         रखवाला, लिखनवाला, पढनेवाला

    क      –         रक्षक, भक्षक, पोषक, शोषक

अक     –         लेखक, गायक, पाठक, नायक

ता      –         दाता, सुंदरता

    2 कर्म वाचक −

कर्म का बोध करानेवाले कृत् प्रत्यय कर्म प्रत्यय कहलाते हैं।

          प्रत्यय                     शब्द 

1 औना       –         खिलौना, बिछौना

2 नी              –         ओढनी, मथनी, छलनी

3 ना              –         पढना, लिखना, गाना

    3 करण वाचक−

कर्म का बोध कराने वाले कृत् प्रत्यय कर्म वाचक कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।

    प्रत्यय                     शब्द 

1 अन      –         पालन, सोहन, झाडन

2 नी       –         चटनी, कतरनी, सूँघनी

3 ऊ        –         झाडू, चालू

4 र्इ        –         खाँसी, धॉंसी, फाँसी

    4 भाव वाचक−

क्रिया के भाव का बोध कराने वाले प्रत्यय भाववाचक कृत् प्रत्यय कहलाते हैं।

  प्रत्यय                     शब्द 

1 आप       –         मिलाप, विलाप

2 आवट      –         सजावट, मिलावट, लिखावट

3 आव       –         बनाव, खिंचाव, तनाव

4 आर्इ       –         लिखार्इ, खिंचार्इ, चढार्इ

    5 क्रिया वाचक−

क्रिया शब्दों का बोध कराने वाले कृत् प्रत्यय क्रिया वाचक कृत प्रत्यय कहलाते हैं।

   प्रत्यय                      शब्द 

1 या        –         आया, बोया, खाया

2 कर        –         गाकर, देखकर, सुनकर

3 आ        –         सूखा, भूला

4 ता        –         खाता, पीता, लिखता

 

(ब) तद्धित प्रत्यय

क्रिया को छोडकर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में जुडकर नए शब्द बनाने वाले प्रत्यय पद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

जैसे−      शत्रु +ता = शत्रुता

बाजी +गर  = बाजीगर

लडक+पन  = लडकपन

कम+आर्इ = कमाई

तद्धित प्रत्यय के भेद−

1 कर्तृवाचक प्रत्यय

2 भाववाचक प्रत्यय

3 संबंध वाचक प्रत्यय

4 गुणवाचक प्रत्यय

5 स्थानवाचक प्रत्यय

6 ऊनतावाचक प्रत्यय

7 स्त्रीवाचक प्रत्यय

1 कर्तृवाचक प्रत्यय−

कर्ता का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

                प्रत्यय                 शब्द

जैसे –     आर       –         सुनारख लुहार, कुम्हार

र्इ         –         माली, तेली

वाला      –         गाडीवाला, टोपीवाला, इमलीवाला

2 भाववाचक प्रत्यय−

भाव का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

                प्रत्यय                 शब्द

जैसे−      आहट      –         कडवाहट

ता        –         सुंदरता, मानवता, दुर्बलता

आपा      –         मोटापा, बुढापा, बहनापा

र्इ         –         गर्मी, सर्दी, गरीबी

3 संबंध वाचक प्रत्यय −

संबंध का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय संबंध वाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

प्रत्यय                 शब्द

जैसे−      इक       –         शारीरिक, सामाजिक, मानसिक

आलु      –         कृपालु, श्रद्धालु, र्इर्ष्यालु

र्इला       –         रंगीला, चमकीला, भडकीला

तर       –         कठिनतर, समानतर, उच्चतर

4 गुणवाचक प्रत्यय

गुण का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय गुणवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

प्रत्यय                 शब्द

जैसे−      वान       –         गुणवान, धनवान, बलवान

र्इय       –         भारतीय, राष्ट्रीय, नाटकीय

आ        –         सूखा, रूखा, भूखा

र्इ         –         क्रोधी, रोगी, भोगी

5 स्थानवाचक प्रत्यय

भाव का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

प्रत्यय                 शब्द

जैसे−      वाला      –         शहरवाला, गाँववाला, कस्बेवाला

इया       –         उदयपुरिया, जयपुरिया, मुंबइया

र्इ         –         रूसी, चीनी, राजस्थानी

6 ऊनतावाचक प्रत्यया−

लघुत का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय ऊनतवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

प्रत्यय                 शब्द

जैसे−      इया       –         लुटिया, घटिया

र्इ         –         प्याली, नाली, बाली

डी        –         पंखुडी, आँतडी

ओला      –         खटोला, सँपोला, मँझोला

7 स्त्रीवाचक प्रत्यय−

स्त्रीलिंग का बोध कराने वाले तद्धित प्रत्यय स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं।

प्रत्यय                 शब्द

जैसे−      आइन     –         पंडिताइन, ठकुराइन

इन       –         मालिन, कुम्हिरन, जोगिन

नी        –         मोरनी, शेरनी

आनी      –         सेठानी, देवरानी, जेठानी

इनी       –         कमलिनी, नंदिनी

3 विदेशी प्रत्यय (उर्दू के प्रत्यय)

उर्दू भाषा का हिंदी के साथ लम्बे समय तक प्रचलन में रहने के कारणा हिंदी भाषा में उर्दू भाषा के प्रत्यय भी प्रयोग में आने लगे हैं।

प्रत्यय                 शब्द

जैसे−      गी        –         ताजगी, बानगी, सादगी

गर       –         कारीगर, बाजीगर, सौदागर,

ची        –         नकलची, तोपची, अफीमची

दार       –         हवलदार, जमींदार, किरायेदार

खोर       –         आदमखोर, चुगलखोर, रिश्वतखोर

गार       –         खिदमतगार, मददगार, गुनहगार

नामा      –         बाबरनामा, जहाँगीरनामा, सुलहनामा

बाज       –         धोखेबाज, नशेबाज, चालबाज

मंद       –         जरूरतमंद, अहसानमंद, अक्लमंद

आबाद     –         सिकन्दराबाद, औरंगाबाद, मौजमाबाद

इन्दा      –         बाशिंदा, शर्मिदा, परिंदा

              इश       –         साजिश, ख्वाहिश, फरमाइश

गाह       –         ख्वाबगाह, र्इदगाह, दरगाह

गीर       –         आलमगीर, जहाँगीर, राहगीर

आना      –         नजराना, दोस्ताना, सालाना

इयत      –         इंसानियत, खैरियत, आदमियत

र्इन       –         शौकीन, रंगीन, नमकीन

कार       –         सलाहकार, लेखाकार, जानकार

दान       –         खानदान, पीकदान, कूडादान

बंद       –         कमरबंद, नजरबंद, दस्तबंद

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